NC Leader Omar Abdullah Gool Visit Arrived At Amir Magray House Killed In Hyderpora Encounter | Jammu Kashmir News: हैदरपुरा मुठभेड़ में मारे गए आमिर के घर पहुंचे NC नेता उमर अब्दुल्ला, पूछा

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Jammu Kashmir News: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर (Jammu ksshmir) का विशेष और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए अंतिम सांस तक लड़ने का शनिवार को संकल्प लिया. अब्दुल्ला श्रीनगर में 15 नवंबर को हुए विवादित मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक युवक के परिवार से मिलने रामबन जिला में स्थित उसके घर गए थे. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला चेनाब घाटी के आठ दिन के दौरे पर हैं और दूसरे दिन वह गुल इलाके में पहुंचे. चेनाब घाटी में जम्मू-कश्मीर के रामबन, डोडा और किश्तवाड़ जिले आते हैं.

गुल में एक रैली में अब्दुल्ला ने कहा, “…हम अपने या अपने घरों के लिए नहीं लड़ रहे हैं, हमारी लड़ाई आपके (जम्मू-कश्मीर की जनता) और आपके हितों रक्षा के लिए है. हमारी लड़ाई हमारे उन अधिकारों की बहाली के लिए है, जो पांच अगस्त, 2019 को हमसे छीन लिए गए थे और हम अपनी अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे.” उन्होंने कहा कि यह सच्चाई और न्याय की लड़ाई है और जो यह लड़ाई लड़ रहे हैं, उन्हें अपने कदम पीछे नहीं हटाते, बल्कि इसे अंजाम तक पहुंचाते हैं. बता दें कि केंद्र सरकार ने अगस्त, 2019 में संविधान संशोधन करके अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त हो गया.

मुठभेड़ में मारे गए आमिर मगरे के घर पहुंचे अब्दुल्ला 

अब्दुल्ला श्रीनगर के हैदरपुरा में 15 नवंबर को हुई मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर मगरे के घर भी पहुंचे. मगरे के परिवार का दावा है कि वह निर्दोष था और अंतिम संस्कार के लिए उसका शव तुरंत परिजनों को सौंपा जाना चाहिए. मगरे के घर तक पहुंचने के लिए एनसी नेता करीब पांच किलोमीटर पैदल चले. उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश आज हालात ऐसे हो गए हैं कि निर्दोष नागरिकों का शव प्राप्त करने के लिए हमें प्रदर्शन करना पड़ रहा है. वह (मगरे) काम के सिलसिले में श्रीनगर गया था, क्योंकि उसे अपने जिले में कोई काम नहीं मिला था.”

जम्मू के लिए लड़ने का दावा करने वाले नेताओं पर निशाना 

अब्दुल्ला ने कहा, “इस सुदूर इलाके में उग्रवाद के खिलाफ लड़ने के लिए उसके पिता पुलिस की सुरक्षा में रहते हैं. परिवार उसका अंतिम संस्कार करना चाहता है, लेकिन उन्हें इससे वंचित किया जा रहा है.” उन्होंने सवाल किया कि क्या यही कारण है कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के लोगों पर फैसला थोपा गया. जम्मू क्षेत्र के लिए लड़ने का दावा करने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए  एनसी नेता ने मगरे परिवार के दुख पर उनकी चुप्पी को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा, “क्या गुल जम्मू का हिस्सा नहीं है? युवक का शव पाने के लिए वे सड़कों पर क्यों नहीं उतर रहे हैं?” मगरे का शव उसके परिवार को सौंपने की मांग करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि क्षेत्र से उग्रवाद को मिटाने के लिए लड़ने और काफी कुछ झेलने वाले परिवार के साथ यह घोर अन्याय है.

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