Contempt matter against Vijay Mallya: सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में कहा कि हमने काफी लंबा इंतजार किया है, हम अब और इंतजार नहीं कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि विजय माल्या के खिलाफ अवमानना के मामले में किसी न किसी स्तर पर निपटारा करना होगा और प्रक्रिया समाप्त होनी चाहिए.
SC ने अवमानना मामले में विजय माल्या की सज़ा पर बहस के लिए मामला 18 जनवरी को लगाया है. अदालत ने कहा, ”दोषी का प्रत्यर्पण हो या नहीं, सज़ा पर फैसले के लिए और इंतज़ार नहीं होगा. दोषी अपने वकील के माध्यम से पक्ष रख सकते हैं.” SC ने वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता को एमिकस नियुक्त कर अपनी सहायता के लिए कहा है.
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को विदेश में पैसे ट्रांसफर की जानकारी छुपाने के लिए अवमानना का दोषी करार दिया था. इसके बाद माल्या कई मौकों पर सज़ा पर बहस के लिए उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में आज SC ने उसकी अनुपस्थिति में ही सुनवाई का फैसला किया.
विजय माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं. वह अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण चूक मामले में एक आरोपी है. वह स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस द्वारा तामील कराये गए एक प्रत्यर्पण वारंट मामले में जमानत पर हैं.
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 2 नवंबर को केंद्र से भारत में माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन में लंबित गोपनीय कानूनी कार्यवाही पर छह सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
केंद्र ने पिछले साल 5 अक्टूबर को शीर्ष अदालत को बताया था कि माल्या को भारत में तब तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता जब तक कि ब्रिटेन में एक अलग ‘‘गुप्त’’ कानूनी प्रक्रिया का समाधान नहीं हो जाता, जो ‘‘न्यायिक और गोपनीय प्रकृति का है.’’